SARASWATI SHISHU MANDIR
अंतिम अपडेट: 11 अक्टूबर 2024सरस्वती शिशु मंदिर: एक प्राइवेट स्कूल की कहानी
ओडिशा के एक ग्रामीण इलाके में स्थित, सरस्वती शिशु मंदिर एक निजी स्कूल है जो 2002 में स्थापित हुआ था। यह स्कूल छात्रों को कक्षा 1 से 8 तक शिक्षा प्रदान करता है और यह सह-शिक्षा प्रणाली पर आधारित है। स्कूल की संरचना पक्की दीवारों वाली है और इसमें 10 कक्षाएँ, 2 लड़कों के लिए शौचालय और 2 लड़कियों के लिए शौचालय हैं। स्कूल में बिजली की सुविधा उपलब्ध है और छात्रों के लिए पीने के पानी के लिए नल लगे हुए हैं।
सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षा का माध्यम ओडिया भाषा है। स्कूल में कुल 20 शिक्षक हैं जिनमें से 8 पुरुष शिक्षक और 12 महिला शिक्षक हैं। स्कूल में पूर्व-प्राथमिक शिक्षा भी उपलब्ध है और इसके लिए 4 शिक्षक नियुक्त हैं।
स्कूल में एक पुस्तकालय भी है जिसमें लगभग 500 पुस्तकें उपलब्ध हैं। स्कूल में कक्षा 10वीं के लिए बोर्ड "अन्य" है, और कक्षा 12वीं के लिए भी बोर्ड "अन्य" है। स्कूल में नाश्ता, दोपहर का भोजन या रात्रिभोज प्रदान नहीं किया जाता है।
स्कूल में छात्रों के लिए एक खेल का मैदान नहीं है। विकलांग छात्रों के लिए स्कूल में रैंप भी नहीं हैं।
सरस्वती शिशु मंदिर, ग्रामीण क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है। इसका उद्देश्य छात्रों में ज्ञान, कौशल और मूल्यों को विकसित करना है ताकि वे समाज के जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
निष्कर्ष:
सरस्वती शिशु मंदिर एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण स्कूल है जो ओडिशा के एक ग्रामीण क्षेत्र में छात्रों को शिक्षा प्रदान करता है। स्कूल का लक्ष्य बच्चों को एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण में शिक्षा प्रदान करना है। स्कूल अपनी शैक्षणिक गतिविधियों और सुविधाओं के लिए जाना जाता है।
यह लेख AI द्वारा उपलब्ध डेटा का उपयोग करके उत्पन्न किया गया है। स्कूल की जानकारी की सटीकता और पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए, आधिकारिक स्रोतों से सत्यापन करना या सीधे संबंधित संस्थान से संपर्क करना अनुशंसित है।
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