SARASWATI SHISHU BIDYA MANDIR LAUMUNDA
अंतिम अपडेट: 11 अक्टूबर 2024सरस्वती शिशु विद्या मंदिर लाउमुंडा: एक छोटा स्कूल, बड़ा सपना
ओडिशा के जिला गंजाम के लाउमुंडा गांव में स्थित, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर लाउमुंडा एक छोटा सा प्राइमरी विद्यालय है जो कक्षा 1 से कक्षा 8 तक शिक्षा प्रदान करता है। यह स्कूल 2008 में स्थापित हुआ था और वर्तमान में 8 शिक्षकों के साथ संचालित है, जिनमें 4 पुरुष और 4 महिला शिक्षक शामिल हैं।
स्कूल के पास दो कक्षा कक्ष, लड़कों के लिए एक शौचालय और लड़कियों के लिए एक शौचालय है। पानी की व्यवस्था के लिए एक कुआं है। हालाँकि स्कूल में बिजली की सुविधा नहीं है, लेकिन छात्रों को पढ़ाई के लिए एक मजबूत पक्का भवन उपलब्ध है। हालाँकि, भवन थोड़ा टूटा हुआ है, और स्कूल को बेहतर अवसंरचना की आवश्यकता है।
स्कूल में एक प्री-प्राइमरी सेक्शन भी है जो 2 शिक्षकों द्वारा संचालित है। स्कूल में शिक्षा का माध्यम ओडिया भाषा है और यह सह-शिक्षा प्रदान करता है, जिसका अर्थ है कि लड़के और लड़कियाँ एक साथ पढ़ते हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार पटेल हैं।
स्कूल के छात्रों के लिए खेल के मैदान, पुस्तकालय और कंप्यूटर सहायक शिक्षा जैसी सुविधाओं का अभाव है। इसके बावजूद, स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर लाउमुंडा क्षेत्र के बच्चों को शिक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है।
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर लाउमुंडा के प्रमुख बिंदु:
- स्कूल 2008 में स्थापित हुआ था।
- स्कूल प्राइमरी और अपर प्राइमरी शिक्षा प्रदान करता है (कक्षा 1 से 8 तक)।
- स्कूल का प्रबंधन अन मान्यता प्राप्त है।
- स्कूल में 8 शिक्षक हैं, जिसमें 4 पुरुष और 4 महिला शिक्षक शामिल हैं।
- स्कूल में दो कक्षा कक्ष, एक लड़कों का शौचालय और एक लड़कियों का शौचालय है।
- स्कूल में बिजली की सुविधा नहीं है।
- स्कूल का भवन पक्का है, लेकिन टूटा हुआ है।
- स्कूल में एक प्री-प्राइमरी सेक्शन है जो 2 शिक्षकों द्वारा संचालित है।
- स्कूल में पानी की व्यवस्था के लिए एक कुआं है।
- स्कूल का माध्यम ओडिया भाषा है।
- स्कूल सह-शिक्षा प्रदान करता है।
- स्कूल का प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार पटेल हैं।
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर लाउमुंडा जैसी छोटी संस्थाएं ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की नींव मजबूत करती हैं। स्कूल का भविष्य उज्जवल हो, इसके लिए बेहतर अवसंरचना और सुविधाओं की आवश्यकता है। शासन, स्थानीय समुदाय और दानदाताओं के सहयोग से इस स्कूल को और बेहतर बनाया जा सकता है ताकि ग्रामीण बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
यह लेख AI द्वारा उपलब्ध डेटा का उपयोग करके उत्पन्न किया गया है। स्कूल की जानकारी की सटीकता और पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए, आधिकारिक स्रोतों से सत्यापन करना या सीधे संबंधित संस्थान से संपर्क करना अनुशंसित है।
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