SARASWATI SISHU MANDIR
अंतिम अपडेट: 11 अक्टूबर 2024सरस्वती शिशु मंदिर: एक ग्रामीण स्कूल की कहानी
ओडिशा राज्य के जिला [जिले का नाम] में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर एक ग्रामीण स्कूल है, जो 1992 में स्थापित हुआ था। यह स्कूल 1 से 8वीं कक्षा तक शिक्षा प्रदान करता है और सह-शिक्षा (Co-educational) पर आधारित है। स्कूल का निर्माण निजी तौर पर किया गया है और इसमें 11 कक्षाएँ हैं।
स्कूल में शिक्षा का माध्यम ओडिया भाषा है। कुल मिलाकर, स्कूल में 17 शिक्षक हैं, जिनमें 9 पुरुष शिक्षक और 8 महिला शिक्षक शामिल हैं। स्कूल में प्री-प्राइमरी कक्षाएँ भी हैं, जिनमें 4 शिक्षक कार्यरत हैं। स्कूल के पास एक पुस्तकालय भी है, जिसमें 305 किताबें हैं।
सरस्वती शिशु मंदिर के छात्रों को कई सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं, जिसमें एक खेल का मैदान, शौचालय (लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग) और विकलांग बच्चों के लिए रैंप शामिल हैं। स्कूल में बिजली की सुविधा भी उपलब्ध है। हालांकि, स्कूल में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।
यह स्कूल एक अनोखे पहलू को प्रदर्शित करता है: यह एक ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है और इसका प्रबंधन मान्यता प्राप्त नहीं है। इसके बावजूद, स्कूल 1 से 8वीं कक्षा तक के छात्रों को शिक्षा प्रदान करता है, साथ ही प्री-प्राइमरी कक्षाएँ भी चलाता है।
स्कूल को 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए बोर्ड के रूप में "अन्य" के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह संभवतः इंगित करता है कि स्कूल राज्य बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन स्थानीय या निजी बोर्ड से जुड़ा हो सकता है।
सरस्वती शिशु मंदिर की कहानी बताती है कि कैसे एक ग्रामीण क्षेत्र में भी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है, भले ही स्कूल पूरी तरह से मान्यता प्राप्त न हो। स्कूल के पास शिक्षकों की एक मजबूत टीम है जो प्री-प्राइमरी से लेकर 8वीं कक्षा तक के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है।
यह लेख AI द्वारा उपलब्ध डेटा का उपयोग करके उत्पन्न किया गया है। स्कूल की जानकारी की सटीकता और पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए, आधिकारिक स्रोतों से सत्यापन करना या सीधे संबंधित संस्थान से संपर्क करना अनुशंसित है।
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